सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना : झारखंड के बेटियों के लिए शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का शुरू किया गया हैं। यह योजना 2022 से पहले मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के नाम शुरू किया गया था। बाद मे निवर्तमान झारखंड राज्य मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के द्वारा इसी योजना को सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के नाम से शुरू किया गया। अब बालिकाओं को दी जाने वाली सुबिधा पहले की तरह नहीं मिलेगी बल्कि सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का लाख दिया जाएगा।
Savitribai Phule Kishori Samriddhi Yojana के तहत झारखंड राज्य की secc-2011 जनगणना के आधार पर 27 लाख परिवार और 10 लाख अंत्योदय कार्ड धारक परिवार कुल 37 लाख परिवार के बालिकाओं को सीधी तरीका से इस योजना का लाभ दी जाएगा। इस योजना का उद्देश्य राज्य के अंदर गरीब लड़कियां अपना उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें और 18 साल के बाद अपना आगे की पढ़ाई या शादी या स्वरोजगार के क्षेत्र मे कदम रख सकें। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के बारे मे विस्तार से जानने के लिए लेख मे आगे बने रहें –
सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना क्या हैं ?
सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना झारखंड सरकार द्वारा बालिकाओं के अंदर शिक्षा का विस्तार हेतु बालिकाओं के समर्थन मे शुरू किया हैं। यह योजना 2019 मे तत्कालीन झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दस के मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के नाम से शुरू किया गया था। इसी योजना को बाद मे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना कर दिया गया।
इस योजना के तहत राज्य के बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए 6 किस्तों मे कुल 40000 रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती हैं। जिसमे पहला किस्त 8वीं और 9वीं कक्षा 2500 रुपये करके जाती हैं, वहीं 10 वीं सेकर 12 वीं तक 5000 रुपये करके दी जाती हैं, 18 वर्ष के आयु के बाद अंतिम किस्त 20000 रुपये प्रदान किया जाता हैं इससे बालिकाओं को उच्च शिक्षा या शादी या स्वरोजगार मे लाभ प्राप्त होगा। सभी रकम बालिकाओं के बैंक खाता मे सीधे जमा कर दिया जाता हैं।
एक नजर मे सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना ।
योजना का नाम | सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना |
राज्य | झारखंड |
विभाग का नाम | महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग |
लाभार्थी | झारखंड राज्य के निवासी बालिकाएं |
प्रदत्त सहायता राशि | 40,000 रुपये (6 किस्तों में) |
उद्देश्य | उच्च शिक्षा हेतु बालिकाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना |
आवेदन प्रक्रिया | ऑफलाइन (फॉर्म आंगनबाड़ी केंद्र से प्राप्त कर सकते हैं। |
आवेदन फॉर्म को जमा कहाँ करें | प्रखण्ड या जिला मे जमा कर सकते हैं। |
सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का उद्देश क्या हैं।
- राज्य के अंदर शिक्षा की जगत मे बालिकाओं को शिक्षित कर महिला शिक्षा को बढ़ावा मिलेगी।
- परिवार के आर्थिक कमी के कारण बालिकाओं को स्कूल या कॉलेज न भेजना इस योजना के तहत अब घर की बच्चीयां पढ़ पाएगी।
- किस्त के अनुसार राशि को प्रदान करने से यह लाभ है की बालिकाओं को उच्च शिक्षा 8वीं से 12वीं तक आसानी से कर पायेगी।
- 18 वर्ष के आयु के बाद जो 20000 रुपये प्रदान किया जाता हैं इससे बालिकाओं को उच्च शिक्षा या स्वरोजगार मे लाभ प्राप्त होगा।
- देश के अंदर बाल विवाह पर रोक लगेगी।
- अगर महिला शिक्षित होगी तो घर, समाज और देश शिक्षित होगी।
- इस योजना के तहत बेटी बचाओं और बेटी पढ़ाओ अभियान को बढ़ावा मिलेगी।
- समाज के अंदर बेटीओ मे रक्षा और सुरक्षा के स्तर मे सुधार होगी।
- सवित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत किस तरह बालिकाओं को लाभ प्राप्त होगी।
- सवित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत बालिकाओं को शिक्षा हेतु कक्षावार 8वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक वित्तीय सहायता दी जाती हैं।
- 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होने के बाद या 18 साल की आयु पूरी होने के बाद बालिकाओं को एकमुस्त 20000 रुपये दिए जाते हैं ताकि बालिकाओं को उच्च शिक्षा या शादी या स्वरोजगार मे लाभ प्राप्त हो सकें।
- इस योजना के लिए बालिका अपना नजदीकी आंगनबाड़ी से आवेदन प्राप्त कर सकते हैं और इसे पूर्ण से भर कर आवश्यक दस्तावेज के साथ अपना प्रखण्ड या जिला मे जमा कर सकते हैं।
- Secc-2011 जनगणना का आधार पर राज्य के 37 लाख परिवारों के बालिकाओं को इस योजना का प्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त होगी।
- सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत लाभार्थी बालिकाओं को सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते मे जमा कर दिया जाएगा।
सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत देने वाली आर्थिक सहायता राशि।
सवित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत लाभार्थी लड़कियों को कक्षावार किस्तों मे आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती हैं। किस्तों की विवरण निम्न रूप हैं।
किस्त राशि | कक्षा (श्रेणी) | सहायता अनुदान राशि (रुपये में) |
पहला किस्त | 8वीं कक्षा मे |
2500 |
दूसरा किस्त | 9वीं कक्षा मे |
2500 |
तीसरा किस्त | 10वीं कक्षा मे |
5000 |
चौथा किस्त | 11वीं कक्षा मे |
5000 |
पाँचवीं किस्त | 12वीं कक्षा मे |
5000 |
छठी किस्त (फाइनल किस्त) | 18 साल की आयु पूरी होने के बाद |
20000 |
कुल |
40000 |
सवित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के लिए आवेदन कैसे करें।
- आपके क्षेत्र के नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र से सवित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के लिए आवेदन फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं।
- इस फॉर्म को ध्यान से पढ़े और सावधानी पूर्वक आवश्यक जानकारी को भरें।
- सभी जानकारी को भरने के बाद जरूरी दस्तावेजों के साथ फॉर्म को आपके प्रखण्ड के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी (bdo)या प्रखण्ड कल्याण पदाधिकारी या जिला कल्याण पदाधिकारी को भी जमा कर सकते हीं।
- इस तरह सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का आवेदन प्रक्रिया पूरा किया जाता हैं।
सवित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के लिए आवेदन हेतु आवश्यक कागजात।
- आधार कार्ड
- स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड
- स्कूल प्रमाण पत्र
- Secc-2011 के अंतर्गत शामिल होने का प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो
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कौन हैं सावित्रीबाई फुले और सावित्रीबाई फुले का उद्देश्य क्या था?
सवित्रीबाई फुले समाज सुधार और महिलाओं के किए काम करने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के अंदर समाज मे दमनकारी सामाजिक व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई थी। महाराष्ट्र के अंदर विशेष करके पुणे मे असमानता, पितृसत्ता एवं सामाजिक उत्पीड़न से लड़ने के लिए काम किया। सन 1848 मे ब्रिटिश शासन के दौरान पुणे मे लड़कियों के लिए उनके पति ज्योतिराव फुले से मिलकर पहला स्कूल खोला। शुरुआत मे स्कूल मे सिर्फ तीन लड़कियां ही थी, बाद मे धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़कर 25 हो गई। धीरे-धीरे 1852 तक महाराष्ट्र के कोई शहरों मे इन दम्पत्ति ने करीब 18 स्कूल ओर खुले ।
लड़कियों के लिए स्कूल के अलावा इन्होंने बलात्कारी पीड़ितों के लिए एवं गर्भावती बलात्कारी पीड़ित महिलयों के लिए बाल सुरक्षा गृह खुला गया। पुणे के अंदर बहुर सारे शैक्षणिक ट्रस्ट भी इनके द्वारा चलाया जाता थे।
सावित्रीबाई फुले के बारे मे 10 खास बातें।
- सावित्रीबाई फुले का जन्म 9 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के एक दलित परिवार मे हुआ था।
- 9 साल की उम्र मे एक 13 साल के लड़के के साथ सावित्रीबाई का विवाह हो गया था। इन्होंने बाल विवाह को तो विरोध नहीं कर पायी लेकिन आगे अपने पति से साथ मिलकर लड़कियों के लिए कुल 18 संख्या मे स्कूल खोला।
- सावित्रीबाई फुले देश की पहली महिला अध्यापिका थी।
- दमनकारी सामाजिक व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई थी।
- नारी मुक्ति आंदोलन की पहली नेत्री थी।
- सामाजिक छुआछूत, सती प्रथा, बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ काम किया।
- इन्होंने मजदूरों के लिए रात्री स्कूल खोली, की दिन मे काम करों और रात को पढ़ाई कर सकें।
- गाँव मे छुआछूत से परेशान लोगों के लिए अपने घर का कुआं एसे लोगों को के लिए खोल दिया।
- एकबार की एक हैं एक विधवा गर्भावती महिला को आत्महत्या के रोकी और उसकी डिलीवरी अपने घर पर कराएं। बाद मे उस पुत्र को बड़ा करके डॉक्टर बनाया।
- प्लेग महामारी मे पीड़ित लोगों की सेवा दौरान उन्हे भी प्लेग रोग हुई ओर सवित्रीबाई का निधन हो गया । इस तरह एक समाजसेवी, देश के पहली शिक्षिका का अंत हुआ।
Conclusion (निष्कर्ष)
इस लेख के माध्यम से मैं झारखंड राज्य मे लड़कियों के लिए चलाई जा रही सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के बारे मे विस्तार से बताने का प्रयास किया हूँ। साथ ही सावित्रीबाई फुले के बारे मे और उनके 10 खास बातों के बारे मे जानकारी साझा करने का प्रयास किया हूँ। आशा हैं यह लेख आपको अच्छा लगा होगा । आगे ओर किस चीज का जानकारी चाहिए मुझे कमेन्ट कर सकते हैं।
FAQs ( सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना )
Q.: सावित्री बाई फुले समृद्धि योजना क्या है?
सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना झारखंड सरकार द्वारा बालिकाओं के अंदर शिक्षा का विस्तार हेतु बालिकाओं के समर्थन मे शुरू किया हैं। यह योजना 2019 मे तत्कालीन झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दस के मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के नाम से शुरू किया गया था। इसी योजना को बाद मे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना कर दिया गया।
Q.: किशोरी समृद्धि योजना क्या है?
किशोरी समृद्धि योजना को ही सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना कहा जाता हैं। यह झारखंड सरकार द्वारा बालिकाओं के अंदर शिक्षा का विस्तार हेतु बालिकाओं के समर्थन मे शुरू किया हैं।
Q.: सावित्रीबाई फुले कौन थी उनके प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए?
सावित्रीबाई फुले समाज सुधार और महिलाओं के किए काम करने के लिए जानी जाती हैं। लड़कियों के लिए स्कूल के अलावा इन्होंने बलात्कारी पीड़ितों के लिए एवं गर्भावती बलात्कारी पीड़ित महिलयों के लिए बाल सुरक्षा गृह खुला गया। पुणे के अंदर बहुर सारे शैक्षणिक ट्रस्ट भी इनके द्वारा चलाया जाता थे।
Q.: भारत में प्रथम महिला शिक्षक कौन है?
सावित्रीबाई फुले को भारत देश का प्रथम महिला शिक्षक कहा जाता हैं।
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